Depression type reason and upay : अवसाद एक प्रकार की गंभीर बीमारी है. जोकि नकारात्मक रूप ग्रसित व्यक्ति को प्रभावित करता है. और इस वजह से व्यक्ति में शारीरिक और भावनात्मक समस्या उत्पन्न हो जाती है. जिसका व्यक्ति के शरीर पर और व्यक्ति के कार्य क्षमता पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है. अगर किसी व्यक्ति को एक भी बार अवसाद या (तनाव) का स्ट्रोक आ गया. तो इसके पुनरावृति की संभावना और अधिक बढ़ जाती है. एक आंकड़ा की माने तो संयुक्त राज्य अमेरिका में हर 10 में से एक व्यक्ति अवसाद की बीमारी से ग्रसित है.
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अवसाद के प्रकार कारण, लक्षण, समाधान और उपचार (Depression type,reason,solution in hindi )
अवसाद के लक्षण (Depression symptoms)
अवसाद से ग्रसित लोग चिंतित असहाय और विशेष रूप से उदास अपने आप को बेकार महसूस कर सकते हैं. इतना ही नहीं इस प्रकार के लोग आत्महत्या करने का भी प्रयास कर सकते हैं या आत्महत्या कर भी सकते हैं. ऐसे लोगों को अक्सर मन में आत्महत्या का ख्याल आता है. अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति को सामान्य रूप से नींद की कमी या अधिकता थकान आंखों से संपर्क और चेहरे की अभिव्यक्ति की कमी, पाचन और दर्द समस्या जैसे लक्षण दिखते हैं.
व्यवहार
व्यवहार में बदलाव जैसे कि चिरचिरापन रहना,सामाजिक गतिविधियों में मन ना लगना, सामाजिक संपर्क से बचने के लिए बहाने लगाना, बेचैनी महसूस होना,अत्यधिक रोना, गुस्सा फूटना और अपराध इत्यादि जैसे बदलाव आने लगते हैं.
सोच
अवसाद से पीड़ित व्यक्ति बहुत ही ज्यादा निराशा की बात करता है. वह खाली खाली सा महसूस करने लगता है. अवसाद से ग्रसित व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होने लगती है.मतिभ्रम जैसा मनोवृति असंतोष जैसे विचार मन में आने लगता है. वह भावनात्मक संकट से पूरी तरह से गिर जाते हैं.भावनात्मक रूप से फैसला लेने का जीत का विचार उनके मन में आने लगता है. हर बात पर अपने आप को अपराधी समझना इस तरह की अनेक नेगेटिव भावना मन में आना आने लगती है.
शारीरिक समस्याएं
जो लोग अवसाद से ग्रसित होते हैं.वैसे व्यक्ति हमेशा सिर में दर्द का शिकायत करता है. कई लोगों में भोजन की अधिकता हो जाती है,अर्थात ज्यादा भोजन खाने लगता है. तो किसी में कम खाने की इच्छा होती है. अचानक वजन का बढ़ना या घटना देखा जा सकता है. शारीरिक मेहनत बहुत कम करने के बावजूद भी ज्यादा थकान महसूस करने लगता है. हाइपरसोम्निया या अनिंद्रा जैसे शारीरिक लक्षण अवसाद ग्रस्त व्यक्ति में दिखने लगता है.
अवसाद के कारण (Depression reason)
अवसाद किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है. यह एक मानसिक विकार है. इसके कई कारण भी हो सकते हैं.
जैव रसायन
मस्तिष्क में तरह तरह के रसायन कार्य करते हैं. और इनमें से कुछ रसायनों में बदलाव हार्मोन के स्तर में परिवर्तन होने पर भी अवसाद के लक्षण हो सकते हैं.
अनुवांशिक लक्षण
अगर व्यक्ति की बीमारी अनुवांशिक रूप से चली आ रही हो या उसके परिवार में किसी सदस्य को बीमारी हो,तो 70% संभावना है कि व्यक्ति इस बीमारी से ग्रसित हो सकता है.
शारीरिक रूप से कमी
अगर किसी प्रकार का शारीरिक कमी हो और व्यक्ति अगर कम आत्मसम्मान वाला हो तो वैसे व्यक्ति को तुरंत अवसाद अपने घेर मे ले सकता है.
वातावरण
जब व्यक्ति को निरंतर दर्दनाक घटनाएं, गरीबी,उपेक्षा,हिंसा,दुर्व्यवहार इत्यादि का सामना करना पड़े तो यह सभी अवसाद के कारण भी बन सकते हैं.
अवसाद की समस्या और समाधान
तनाव और उसके लक्षण को कम करने के लिए स्वय की मानसिक मजबूती बहुत ही आवश्यक है. अपने जीवन में जीवन शैली का बदलाव करके इसके लक्षणों को रोका जा सकता है. अगर व्यक्ति में नियमित व्यायाम और सकारात्मक भावनाएं एवं सोच पैदा हो जाती है,तो व्यक्ति अवसाद को कम कर सकता है. किसी भी तरह के नशे से दूर रहना पर्याप्त नींद लेना , स्वस्थ भोजन करना अवसाद की समस्याओं को कम कर सकता है.
व्यक्ति को जैसे ही कोई परेशानी लगे तो सबसे पहले व्यक्ति को मनोचिकित्सक से एक बार जरूर दिखाना चाहिए इससे अवसाद के बीमारी से बचाव संभव है.
अवसाद की समस्या के लिए उपचार (Depression treatment)
डॉक्टर सबसे पहले अवसाद के लक्षणों को जानने के लिए व्यक्ति को वायरल संक्रमण या थायराइड की जांच कराने के लिए बोलते हैं.जिससे शारीरिक कारणों का पता चल सके. उसके बाद मनोवैज्ञानिक कारणों का पता करने के लिए डॉक्टर के द्वारा व्यक्ति का मानसिक स्तर पर परीक्षा ली जाती है.
अवसाद की समस्या से ग्रसित व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर मनोचिकित्सक के द्वारा अक्सर दो तरह के थेरेपी अपनाई जाती है. पहला संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) लोगों के व्यवहार और सोच की नकारात्मक शैली को बदलने में मददगार होता है. और दूसरा पारंपरिक उपचार थेरेपी (आईपीटी) वैसे लोगों के लिए जो परेशान होकर व्यक्तिगत रिश्तो के माध्यम से अवसाद में चले गए हैं,उस प्रकार के व्यक्ति को समझाने में मदद करता है. हल्के फुल्के अवसाद को कम करने के लिए इनको प्रमाणित किया गया है.
अवसाद से ग्रसित व्यक्ति के व्यवहार में आए बदलाव को लेकर परिवार के सदस्य को भी वैसे व्यक्ति का समर्थन करना चाहिए.
नकारात्मक सोच से छुटकारा पाने का भी प्रयत्न करना चाहिए.
अवसाद के प्रकार (Depression types)
अवसाद कई प्रकार के होते हैं
हल्का अवसाद - अवसाद का बहुत ही आम रूप को अवसाद ग्रस्तता विकार के रूप में जानते हैं. यह एक ऐसी अवस्था होती है जब क्रोनिक, लो ग्रेड अवसाद का अनुभव व्यक्ति में पाया जाता है. इस दौरान रोगी अपने आप को दुखी और निराश महसूस करता है. जिस भी व्यक्ति को हल्के अवसाद होते हैं वैसे व्यक्ति सुबह उठने पर काफी थकान का अनुभव करते हैं.
मौसमी अवसाद-यह इस प्रकार का अवसाद है जिससे किसी खास मौसम में रोग के लक्षण को बढ़ा देता है. जैसे कि कनाडा में सर्दियों के दौरान 3 से 5% तक कनाडाई जवान इस बीमारी से परेशान होते हैं. उस देश में इसको मौसमी उत्तेजनात्मक विकार या एसएडी के रूप में जानते हैं. सामन्यतः बसंत के मौसम में एसएडी शुरुआत होता है जब प्रकृति में सूर्य प्रकाश कम रहता है.
सेकेंडरी अवसाद या मनोवैज्ञानिक अवसाद
इसमें हाइपोथायरायडिज्म, स्ट्रोक, पार्किन्सन से ग्रसित व्यक्ति मानसिक अवसाद में चला जाता है.
वियोग या बिछड़ने का
इस प्रकार के दुख से ग्रसित व्यक्ति सप्ताह या महीने तक अगर सदमे को भुला नहीं पाता है तो वैसे व्यक्ति को अवसाद जकड़ सकती है.( Disclaimer : इस आर्टिकल में दी जाने वाली जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं.british4u.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.इस आर्टिकल में दी जाने वाली किसी भी प्रकार की जानकारी और सलाह मानने से पहले संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर से अवश्य राय ले ले. )
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