Motivation story |
फिर उसने सोचा चलो पानी से पहले चापाकल ही चला लेते हैं! और वह उस पानी को चापाकल में डालकर चलाने लगा! परंतु चापाकल से पानी नहीं आई! वह फिर से निराश हो गया, उसे प्यास भी बड़ी जोर की लगी थी, वहीं पर बैठकर भगवान को बहुत ज्यादा कोसने लगा!परंतु फिर उसने सोचा एक कोशिश और कर लेता हूं, जैसे ही वह चापाकल चलाने लगा चापाकल में से कुछ पानी के बुलबुले से आवाज आने लगी! इस बार उसने चापाकल के मुंह को अपने हाथ से बंद करके चापाकल को जोर जोर से चलाने लगा! तभी अचानक से चापाकल से पानी निकलना प्रारंभ हो गया!
पानी देखकर उसके खुशी का ठिकाना ना रहा और वह बड़े ही मजे से पानी पिया! और उसके बाद उस पानी से उसने स्नान भी किया !क्योंकि गर्मी बहुत ज्यादा थी इसलिए उसने स्नान भी कर लिया!फिर उसने दोनों मटकी में पानी भर लिया! उसमें से एक मटकी उसने वहीं पर छोड़ दिया और उसके नीचे वही पर्ची रख दी जिसमें लिखा था इस पानी को पीना मत इसका उपयोग करके चापाकल चला लेना! यह पर्ची उसने इसलिए लगा दी ताकि कोई और अगर यहां प्यासा आए तो उस पानी का उपयोग करके वह चापाकल चला सके और अपनी प्यास बुझा सके! और एक मटकी को उसने अपने साथ ले जाने का निर्णय किया! क्योंकि वह रास्ता भटक चुका था इसलिए रास्ते में अगर उसे फिर से प्यास लगेगी तो वह उस मटकी का पानी मिलेगा ऐसा उसने सोचा! और फिर अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ गया! इस बार उसकी प्यास भी बुझ चुकी थी और वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ने के लिए सक्षम हो चुका था!
इस कहानी से हमें पता चलता है कि भगवान हमें हमेशा कुछ न कुछ अपॉर्चुनिटी देती हैं हमें उसको पहचानने की जरूरत है! और भगवान द्वारा दिए गए संसाधनों का उपयोग करके उन संसाधनों में और ज्यादा वृद्धि करने के लिए प्रयास करना चाहिए! ना कि गलत करके भगवान भगवान द्वारा दिए गए संसाधनों का नमस्कार लेना चाहिए! भगवान हमें हमेशा संसाधन मुहैया कराते हैं जरूरत है की संसाधन कम है या ज्यादा याना सोचकर ,उन संसाधनों का सदुपयोग करके अपनी तरक्की करें! भगवान सबको मौका देते हैं पहचानो और आगे बढ़ो!
अमित सिंह
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